दिव्य-दूत

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“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥” - “ॐ गं गणपतये नमः॥”

AVINASH CHOUBEY 31-10-2024 10:15:28


**** दिव्य दूत परिवार की और से  ''दीपोत्सवस्य हार्दिकाः शुभाशयाः '' आपके परिवार में खुशियों की दीपमाला हमेशा बनी रहे  ***

लक्ष्मी पूजा के मंत्र महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार बार जाप करेंगे तो आपके ऊपर मां लक्ष्‍मी की कृपा बनी रहेगी. - ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥” - “ॐ गं गणपतये नमः॥

दीवाली क्यों मनाई जाती है इन हिंदी

कई लोग दीपावली को भगवान विष्णु की पत्नी तथा उत्सव, धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ मानते हैं। दीपावली का पांच दिवसीय महोत्सव देवताओं और राक्षसों द्वारा दूध के लौकिक सागर के मंथन से पैदा हुई लक्ष्मी के जन्म दिवस से शुरू होता है।

अब कोई भ्रम नहीं, सही तिथि यहाँ देखें। रोशनी का त्यौहार दिवाली 31 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा। कार्तिक महीने में अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला यह त्यौहार भगवान राम के अयोध्या लौटने का प्रतीक है। इस साल अमावस्या 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक है।

दीपोत्सवस्य हार्दिकाः शुभाशयाः! दीपज्योतिः भवतः जीवनं प्रकाशित करोतु। 4-शुभं दीपोत्सवस्य दिवसः जीवनं आनंदेन प्रकाशयतु। 5-दीपमालिकायाः प्रभावः भवतः जीवनं दीपयतु।

दिवाली पूजन विधि-

  1. दिवाली पूजन के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें। ...
  2. चौकी पर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश को स्थापित करें। ...
  3. इसके बाद भगवान कुबेर, मां सरस्वती व कलश की स्थापना करें।
  4. अब पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें। ...
  5. सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें।
  6. भगवान गणेश को तिलक लगाएं और उन्हें दूर्वा व मोदक अर्पित करें।

दीपावली की पूजा में कौन-कौन सी सामग्री लगती है

पूजा के दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी को फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, अखंडित चावल, बताशा, सिंदूर, कुमकुम, अबीर-गुलाल, सुगंधित द्रव्य और नैवेद्य आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के समय लक्ष्मी चालीसा का पाठ, लक्ष्मी स्तोत्र और मंत्र जप करें।

दिवाली के दिन क्या करना चाहिए

मान्यता है कि मां लक्ष्मी को साफ-सफाई प्रिय है और मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाली जगहों पर ही होता है. दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है. इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है

दीपावली में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए

ऐसे में हमें इसके लिए अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है। इस दिन रेशम, नायलॉन, पॉलिएस्टर से बने कपड़े न पहनें क्योंकि ये आसानी से आग पकड़ लेते हैं। इसकी जगह सूती कपड़े ही पहनें। पटाखे जलाने के लिए माचिस और लाइटर का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इनमें खुली लपटें होती हैं, जो खतरनाक हो सकती हैं।

दीपावली पर कितने दीये जलाएं

एक थाली के किनारे पर 11 दीये रखें, बीच में एक चौमुखी दीया रखें, जिसे सबसे पहले जलाना चाहिए, उसके बाद बाकी सभी जलाना चाहिए।

शुभ दीपावली पर मां लक्ष्मी को मखाने से बनी खीर का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में उसका सेवन बहुत शुभ माना जाता है

. इसके अलावा, उत्तर भारत में कई जगहों पर दिवाली की रात सूरन यानी जिमीकंद की सब्जी खाने का भी चलन है. दिवाली के त्योहार और सूरन की सब्जी को इंसान की उन्नति और खुशहाली से जोड़ा जाता है.

दीपावली की रात जुआ खेलना अशुभ माना जाता है. यदि आप मां लक्ष्मी की कृपा बनाए रखना चाहते हैं, तो इस दिन जुआ से दूर रहें. मान्यता है कि दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी धरती पर आकर अपने भक्तों के घरों में विचरण करती हैं. इसलिए इस दिन अपनी पत्नी या किसी अन्य से संभोग नहीं करना चाहि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण रिवाज है। यह शरीर को शुद्ध करने के साथ-साथ मन को भी शांति प्रदान करता है। स्नान के बाद साफ और नए वस्त्र धारण करें और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए तैयार हो जाएं

सुबह उठते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों को देखें और रगड़ें, फिर मंत्र पाठ करें. -कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती, करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्' उसके बाद हथेलियों को चेहरे पर फेरें. मान्यता है कि ऐसा करने से ब्रह्मा जी, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है.

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