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नगर नार स्टील प्लांट उत्पादन की दहलीज पर

Anil Choubey 05-09-2022 20:43:47


*** विशेषज्ञों का कहना है कि इस सुपर स्टील प्लांट को वही कंपनी चला सकती है जिसके पास  खुद की आयरन ओर माइंस  हो  खुले बाजार से आयरन ओर खरीद कर चलाना इतने बड़े प्लांट के लिए नामुमकिन है इसलिए प्लांट के बिकने की संभावना  बहुत कम है ***

जगदलपुर --  05/09/2022/// छत्तीसगढ़ की स्वर्णिम स्टील परियोजना नगरनार स्टील प्लांट अब  उत्पादन के अंतिम दौर से गुजर रहा है एनएमडीसी के कर्मियों और बाहर से आये  इंजीनियरों की रात दिन की मेहनत से  नगरनार स्टील प्लांट के उत्पादन में  अब देर नहीं है . नगरनार स्टील प्लांट के सूत्रों के हवाले से क्या जानकारी मिली है कि नगरनार स्टील प्लांट अगले महीने अपना कमर्शियल उत्पादन को  शुरू कर सकता  है  प्लांट उत्पादन की घोषित तिथि से पहले ही  करीब 4 महीने पीछे चल रहा है  इस कार्यक्रम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए वर्तमान एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रवीण कुमार अपनी टीम के साथ रात दिन काम पर  लगे हुए हैं सूत्रों ने दावा किया है की प्रवीण कुमार के द्वारा जिस  तरीके से तुरंत निर्णय लिए जा रहे हैं इससे यह उम्मीद जागी है कि नगरनार स्टील प्लांट अगले महीने अपने वाणिज्य उत्पादन के लक्ष्य को शुरू कर देगा


 

जगदलपुर की धरती नगरनार में करीब 2000 एकड़ पर बने  रहे इस आधुनिक तकनीकी पर आधारित  स्टील प्लांट  की क्षमता 3 मिलियन टन   है और अभी तक इसमें  लगभग 23 हजार करोड़ रुपए खर्च हो  गया है जिसमें सैलरी पाइपलाइन भी शामिल इस प्लांट के कमर्शियल उत्पादन  के शुरू  हो जाने से जहां बस्तर में एक नई सुबह की शुरुआत होगी वंही नए उद्योगों  के बहु आयाम रास्ते खुल जाएंगे स्थानीय लोगों को इसका  डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप में काफी फायदा होने वाला है प्लांट को बनने से लेकर शुरू होने पर काफी  दिक्कतें आई हैं जमकर  नेतागिरी भी हुई है कुछ मांगे पूरी भी हुई कुछ नहीं  भी हुई है लेकिन हर परिस्थितियों का सामना करते हुए एनएमडीसी के अधिकारियों ने अब  नगरनार को उत्पादन की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है  यह एक  हिम्मत और हौसले का बड़ा काम है जिसने देश के सुपर स्टील प्लांट को रिकाड समय पर बनाकर तैयार कर दिया है

अभी हाल ही में दिल्ली में कारपोरेट मामले के मंत्रालय में हुई बैठक के बाद से नगरनार स्टील प्लांट फिर  पूरे देश में सुर्खियों में आ गया है लगातार खबरें आ  रही है की दी मर्जर के बाद प्लांट के बेचने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी कयास भी लगाए जा रहे हैं कि यह प्रक्रिया मार्च से शुरू होगी प्लांट में रुचि दिखाने वालों में सबसे ऊपर  जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड नवीन जिंदल की कंपनी ने  अपनी रुचि व्यक्त की है  वही दूसरे स्थान पर सज्जन जिंदल भी प्लांट को खरीदने में अपनी  ताकत लगा रहे हैं इन उद्योग घरानों के अलावा अडानी इंटरप्राइजेज  भी अपनी नजरें प्लांट से जुड़ी हर गतिविधियों पर लगाए हुए हैं जैसा कि अदानी ग्रुप का स्वभाव है कि वह पीछे के दरवाजे से प्रवेश करने में ज्यादा इच्छुक होते हैं और इस  वक्त  तो पीछे के दरवाजे की बड़ी चाबी उनके ही  पास है हो सकता है वह भी इस पूरे मामले में अपनी दावेदारी पीछे के दरवाजे से पेश  कर सकते हैं

नगरनार स्टील प्लांट पर सबसे पहली नजर लक्ष्मी निवास मित्तल की लगी हुई थी लेकिन छत्तीसगढ़ की स्थानीय राजनीति और केंद्र सरकार में घुसपैठ ना होने के कारण अब पीछे हट गए हैं और उन्होंने अपना बड़ा इस्टैब्लिशमेंट पड़ोसी राज्य उड़ीसा में डाल दिया तो अब उनकी इस प्लांट में नजर नहीं है दूसरा कारण इस प्लांट को खरीदने में बड़े उद्योग घराने इसलिए भी हिचक रहे हैं कि इतने बड़े प्लांट को चलाने के लिए जब तक आयरन ओर की माईन इस प्लांट से  अटैच नहीं होगी प्लांट को  खुले बाजार से आयरन ओर खरीद कर चलाना चलाना मुश्किल है  जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के पास उड़ीसा में आईरन ओर माइन्स है जिन्हें उसका  लोहा  खुले बाजार में भी बेच सकते हैं कि इजाजत अब मिल गई है हो सकता है वह इस प्लांट को खरीदने के सबसे   सशक्त दावेदार भविष्य में हो सकते हैं

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