रायपुर //// गांधी जी के तीन बंदरों के बारे में तो भारत ही नहीं पूरा विश्व जानता है ,उन्होंने सिंबल के रूप में यह संकेत देने की कोशिश की थी कि भाईचारा बनाए रखने के लिए तीन बातें सबसे अहम है, आप बुरा मत बोलो ,बुरा मत सुनो ,बुरा मत देखो ,बात सही थी तीनो अहिंसा से जुड़े हुए अनमोल वचन थे यह वाकिया 1942 के आसपास का है गांधी जी ने अहिंसाक आंदोलन छेड़ा हुआ था और वो अपनी हर सभा में लोगों को यही ज्ञान देते थे कि देखो भाई बुराई को छोड़ो अच्छाई की ओर जाओ कहने का मतलब पॉजिटिव थिंकर रहो ईश्वर सब ठीक कर देगा ,अंग्रेजों से हम लड़ नहीं सकते वह बहुत ताकतवर हैं उनके पास बंदूकें हैं तोपें हैं घोड़े हैं हाथी हैं हमारे पास ये सब संसाधन नहीं हैं लेकिन इन सबसे बड़ा हथियार हमारे पास है जिसका नाम अहिंसा वही हमें आजादी दिलाएगा अहिंसा का मतलब हम हिंसक नहीं होंगे हम बातचीत से अपनी बात रखेंगे शांति पूर्वक अपना विरोध करेंगे कोई कितना भी निर्दई किओं ना हो कितनी देर तक पीटेगा कितना सताएगा अंत में हार के खुद यहां से चला जाएगा और वास्तव में हुआ भी यही अंग्रेजों ने कहा कि अब इन अहिंसक लोगों पर क्या जुल्म ढाया जाए उन्होंने तो दुनिया का सबसे बड़ा हथियार अहिंसा पकड़ रखा है इससे जीतना मुश्किल है इन्हें आजाद किया जाए और वहां से चले गए पर जाते जाते अंग्रेज ने जो जातिवाद का ऐसा बीज बोया जिसके कांटे आज पूरे भारत में फैल गए हैं और अब हमारी आने वाली पीढ़ी के पांव में चुभ रहे हैं
आज भी हम कहने को तो आजाद हो गए हैं लेकिन कई मामले में आजादी का गलत फायदा उठाकर संविधान की आड़ में कुछ असामाजिक तत्व आज भी हमें महसूस करा रहे हैं कि आप सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन तक ही आजाद है बाकी हम तुम्हे आजाद नहीं रहने देंगे ,
समय चक्र रुकता नहीं चला जा रहा है युग बदल गया तकनीकी बदल गई गांधीजी के तीन बंदरों का युग आज भी जिंदा है उसमें अब एक बंदर और जुड़ गया वह चौथा बंदर इन तीन बंदरों से बहुत खतरनाक है तकनीकी से लैस चौथा बंदर वह बोलता नहीं है ,सुनता नहीं है देखता नहीं है ,लेकिन ट्वीट करता है ,व्हाट्सएप करता है ,सोशल मीडिया में व्यस्त रहता है ,और अपना संदेश बिना बोले सुने कहे करोड़ों लोगों के पास पहुंचा रहा है इस बंदर के हाथ में जो हथियार है वह नई तकनीकी का अहिंसक हथियार हे जिसका गलत मूड में अगर उपयोग किया जाए तो इससे बड़ा हिंसक हथियार नहीं है जिसने भी से खोजा है वाकई 21वीं सदी की सबसे बड़ी खोज है जिस पर मुझे लिखने का मन हुआ लिखने को तो उस पर बहुत कुछ जा सकता है लेकिन कई विवाद खड़े हो जाएंगे चौथे बंदर के रूप में में स्थापित हो जाऊंगा लेकिन यह चौथा बंदर उन तीन बंदरों से बहुत खतरनाक है और उनपर भरी भी है
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