रायपुर /// छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता का एक और सनसनीखेज कारनामा प्रकाश में आया है. नितिन भंसाली ने उन पर नियम-कानून से तक पर रखकर धमतरी की नाहर मेडिकल एजेंसी को 13 करोड़ सात लाख का लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है. भंसाली का आरोप है कि दामाद पुनीत गुप्ता ने स्वास्थ्य से संबंधित सभी विभागों में उनका दबाव था संचालक स्वस्थ हो या छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन चलती पुनीत की ही थी . भंसाली ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, मुख्य सचिव सुनील कुजूर और स्वास्थ्य सचिव को लगभग 104 पेज के दस्तावेजों के साथ शिकायत की है..
मामला कुछ इस तरह हे 23 फरवरी 2016 को डायरेक्टर हेल्थ ऑफ सर्विसेस ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड को 441 दवाईयों की खरीदी के लिए एक पत्र लिखा था. इस पत्र के आधार पर 11 अगस्त2016 आनलाइन टेंडर जारी करना था , लेकिन कुछ दिनों बाद यह कहा जाने लगा कि टेंडर निकालने में देरी हो गई है इसलिए 23 जरूरी दवाईयां ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसवीएस ऑफ इंडिया से बीपीपीआई की अनुमोदित की दरों पर दावा खरीद ली जाए. इस फरमान के जरी होते डायरेक्टर हेल्थ ने बिना टेंडर किये दवाईयां खरीदने की अनुमति मांगी.
डायरेक्टर हेल्थ ने लगभग पचास लाख अठावन हजार पांच सौ चालीस मल्टीविटामिन सिरप बोतलें
बोतल 100 एमएल की पेकिंग में खरीदी करना चाहता था, लेकिन छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने जानकारी दी कि दवा सप्लायरों के पास 200 एमएल की बोतल ही उपलब्ध है जिसकी कीमत 27 रुपए 64 पैसे हैं. इस बारे में डायरेक्टर हेल्थ और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड के बीच पत्र व्यवहार चलता रहा. डायरेक्टर हेल्थ ने दिनांक 27 मार्च 2017 को एक पत्र के जरिए अवगत कराया कि उसे अब सीरप की जरुरत नहीं होगी. सीरप के बजाय मल्ली विटामिन टेबलेट ड्रग कोड डी-63 खरीद ली जाये
डायरेक्टर हेल्थ और मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के बीच चले पत्र व्यवहार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद पुनीत गुप्ता ने दबाव डालना प्रारंभ किया. उनके दबाव के बाद अचानक 100 एमएल वाली मल्टीविटामिन वाली सीरप की बोतल भी मिल गई. डायरेक्टर हेल्थ महज पचास लाख अठावन हजार पांच सौ चालीस बोतल चाहता था, लेकिन मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने 73 लाख 94 हजार पांच सौ बोतल खरीद ली. इस पूरे मामले का सबसे संदिग्ध पक्ष यह है कि जब डायरेक्टर हेल्थ सीरप चाहता था तो सीरप की बोतल नहीं मिल रही थी और जब डायरेक्टर हेल्थ ने कहा कि चलिए बोतल नहीं मिल रही है तो टेबलेट खरीद लीजिए तब अचानक बोतल मिल गई. डायरेक्टर हेल्थ जितनी संख्या में बोतल चाहता था उससे कहीं ज्यादा संख्या में सीरप की खरीदी हो गई. बताते हैं कि सप्लाई का सारा काम धमतरी की नाहर नाम की एक मेडिकल एजेंसी को दिया गया था. इस एजेंसी को भी 90 दिनों के भीतर सप्लाई करनी थी, लेकिन इस सप्लायर ने 75 दिन देरी से सीरप की सप्लाई की. भंसाली का कहना है कि बाजार से अधिक दर पर मल्टीविटामिन सीरप की खरीदी कर शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया है जबकि नाहर नाम की मेडिकल एजेंसी 13 करोड़ सात रुपए अतिरिक्त भुगतान हासिल करने में सफल रही है. भंसाली ने मुख्यमंत्री से पूरे में मामले से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
80 लाख की मशीन चीन से खरीदी ढ़ाई करोड़ में खरीद ली
डॉ रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता द्वारा किए गए कारनामों की पोल लगातार खुलती जा रही है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राकेश गुप्ता ने यह शिकायत की है कि डॉ पुनीत गुप्ता द्वारा 80 लाख की मशीन को ढाई करोड़ में चीन की कंपनी से खरीदा है जब की भारत में इस ब्रांड की मशीन का मूल्य ₹8000000 है साथ ही यह भी आरोप लगाया है जो मशीन खरीदी गई है वह तकनीकी रूप से आउटडेटेड हो गई है इस आशय का एक पत्र उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को भेजा है डॉ राकेश गुप्ता का कहना है की डीके सुपर हॉस्पिटल की जांच अगर ठीक ढंग से कराई जाए तो पुनीत गुप्ता द्वारा किए गए घोटालों का रिकॉर्ड जनता के सामने आएगा डीके सुपर हॉस्पिटल में तत्कालीन अधीक्षक पुनीत गुप्ता ने डायलिसिस का टेंडर बुलाया और उसके साथ अन्य पांच मेडिकल को भी बिड में शामिल लिया था जबकि पुनीत गुप्ता को यह अधिकार नहीं है फिर भी नियमों की अनदेखी की गई यह भी एक जांच का विषय है पुनीत गुप्ता क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री के दमाद थे तो उस वक्त अधिकारी कर्मचारी और विभागीय मंत्री भी उनकी बात नहीं डालते थे इसी
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