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कांग्रेस सरकार के जल जीवन मिशन की बर्बादी में क्रेडा का बड़ा हाथ बिना जल स्रोत के सोलर टंकियां खड़ी कर दी अधिकारियों की मिली भगत से करोड़ों का भुगतान भी ले लिया

AVINASH CHOUBEY 28-02-2025 14:09:09


 नियमों में संशोधन कर बीज सप्लायर 3 कंपनियों पर क्रेडा ने केसे की  मेहरबानी *****

 रायपुर 28/02/2025// छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन की बर्बादी में  पीएचइ विभाग  के अधिकारी और ठेकेदारों की मिली भगत तो है ही इस पूरे मिशन की बर्बादी में क्रेडा का  बहुत बड़ा रोल है भूपेश सरकार के जमाने में क्रेडा ने दावेदारी की थी कि हमने एक लाख से अधिक सोलर सिस्टम से छत्तीसगढ़ के गांव किसान और शहरी क्षेत्र में पानी पहुंचाने का काम किया है जल जीवन मिशन के अधिकारियों का कहना है कि हमने इतने ट्यूबवेल ही नहीं किए हैं जितने ट्यूबवेल में क्रेडा ने सोलर की टंकियां लगवा दी है जल जीवन मिशन में अभी तो सिर्फ एचपी इ के अधिकारियों की जांच हो रही है असली खेल तो क्रेडा  ने  किया गया है.क्रेडा  ने अपने चाहते चार-पांच ठेकेदारों को 10,000 से अधिक ड्यूल  पंप और सिंगल पंप के आर्डर दिए इन तीन-चार कंपनियों ने मन चाहे रेट पर यह काम हासिल किया और क्रीडा को सेकड़ों  करोड़ का चूना लगाया घटिया किस्म के इक्विपमेंट लगाए गए बिना बोरवेल के  टंकियां खड़ी कर दी गई जिन बोरवेल में पानी नहीं था वहां भी सोलर सिस्टम की टंकी खड़ी कर दी गई  क्रेडा द्वारा में किए गए इस काम में अगर सही तरीके से जांच की जाए तो सेकड़ों  करोड़ का घपला उजागर होगा

भूपेश सरकार के जमाने में इन चार-पांच ठेकेदारों को क्रेडा में काम करने के लिए निविदा में संशोधन किया गया, ये  तीनों चारों कंपनियों पहले हॉर्टिकल्चर में बीज  सप्लाई का काम करती थी जैसे ही क्रीडा में सीईओ के पद पर आलोक कटियार की नियुक्ति हुई ये  कंपनियां भी उनके साथ क्रेडा  में आ गई क्रेडा  की शर्तों के अनुसार इन कंपनियों को किसी  तरीके का अनुभव नहीं था तो इन कंपनियों के लिए  निविदा शर्तों में संशोधन कर इन्हें क्रेडा  में काम करने की अनुमति दी गई  यही से क्रेडा  मैं लूट का खेल शुरू होता है

 

आज की बदली हुई परिस्थितियों में ये तीन-चार कंपनियां बिना पानी के मछली की तरह फड़फड़ा रही हें  क्योंकि इनकी जांच भी शुरू हो गई है, नए सीईओ ने पूरे सिस्टम को दुरुस्त करते हुए ताजी टेंडर प्रणाली को  ऑनलाइन सिस्टम मे अपनाते हुए नई निवदाओं को बुलाया जिसके परिणाम स्वरूप 30%  कम रेट पर 257 कंपनियों ने काम करने की सहमति प्रदान की पहले ऑनलाइन टेंडर नहीं होता था यही  तीन-चार कंपनियां मिल बाँटकार पूरा ठेका  लेते थे अब यह सिस्टम बंद हो गया हे |

नए सीईओ ने कठोर  आदेश देते हुए जिओ सिस्टम को भी बदल दिया है अब जब तक बोरवेल में पानी नहीं होगा सोलर टंकियां का भुगतान नहीं होगा पहले तो इन कंपनियों के हाथ में ही जिओ सिस्टम होता था  था अब उसे छीनकर इन्होंने गवर्नमेंट की कंपनी को दे दिया है जिससे इन ठेकेदारों के पेट में भरी दर्द है और फर्जी भुगतान कराने  में अब असफल हो रहे हैं

 

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