नई दिल्ली /// आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला का विधिवत
पूजन कर यह संदेश दिया है कि आने वाले समय में भारत को मदर्स ऑफ डेमोक्रेसी के नाम से भी जाना जाएगा पुराने संसद भवन के पास ही नए संसद भवन
की नींव रखी गई है उच्च न्यायालय मैं मामले को लेकर दायर मुकदमे के निर्णय के बाद निर्माण कार्य शुरू
किया जाएगा आधारशिला के कार्यक्रम में सर्व धर्म के लोगों को आमंत्रित किया गया था
,सभी ने अपने अपने धर्म के अनुसार इस संसद भवन की पवित्रता के लिए प्रार्थना की और अरदास किया गया
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब देश आजादी के 75 वीं वर्षगांठ मना रहा होगा सब तक लोकतंत्र के मंदिर का निर्माण पूरा होने
की उम्मीद है अत्याधुनिक तकनीकी और आवश्यकता के अनुसार तमाम सुविधाओं से परिपूर्ण
इस लोकतंत्र के मंदिर मैं ,भविष्य में जनसंख्या के आधार पर सांसदों की संख्या
बढ़ोतरी को भी ध्यान रखा गया है पुराने भवन को स्मारक की तरह उपयोग किया जाएगा आज
यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो मील का पत्थर बनेगा आजादी के 75 वर्ष बाद हम हमारे दुवरा बने स्वतंत्र भारत के संसद भवन में चुने हुए प्रतिनिधियों का स्वागत करेंगे
करीब 1000 करोड़ की लागत से बनने वाली इस भव्य इमारत को देश की जानी मानी कंपनी निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा तैयार किया जाएगा संसद भवन की डिजाइन और सुविधाओं पर चर्चाएं पूर्ण हो गई हैं उच्च न्यायालय बाद
इस समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता,
केंद्रीय मंत्री और कई देशों के
राजदूत शिरकत करेंगे। पीएम मोदी दिल्ली में 12
बजकर 55
मिनट पर नए संसद भवन का शिलान्यास
करेंगे। एक बजे भूमि पूजन का कार्यक्रम होगा। इसके बाद 1:30
बजे सर्वधर्म प्रार्थना होगी। 2:15
मिनट पर प्रधानमंत्री लोगों को
संबोधित करेंगे। चार मंजिला नए संसद भवन का निर्माण 971
करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 64500
वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने
का प्रस्ताव है। इसका निर्माण कार्य भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रत्येक संसद सदस्य को
पुनःनिर्मित श्रम शक्ति भवन में कार्यालय के लिए 40
वर्ग मीटर स्थान उपलब्ध कराया जाएगा
जिसका निर्माण 2024 तक पूरा किया जाएगा।
नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम
वेंकैया नायडू एवं लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने क्रमशः राज्यसभा और लोक सभा में 5 अगस्त 2019 को किया था। लोकसभा सचिवालय की ओर
से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि नए संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स
एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है और इसका
निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
नए भवन
को सभी आधुनिक दृश्य- श्रव्य संचार सुविधाओं और डाटा नेटवर्क प्रणालियों से
सुसज्जित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि
निर्माण कार्य के दौरान संसद के सत्रों के आयोजन में कम से कम व्यवधान हो और
पर्यावरण संबंधी सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाए। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक
नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी
होगी। इसी प्रकार, राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।
नए संसद भवन के निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा और
पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित
होंगे एवं आर्थिक पुनरुद्धार के द्वार खुलेंगे। इसमें उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि
तथा दृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, प्रभावी और समावेशी आपातकालीन
निकासी की व्यवस्था होगी। इमारत उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करेगी, जिसमें भूकंपीय क्षेत्र 5 की आवश्यकताओं का पालन करना भी
शामिल है और इसे रखरखाव तथा संचालन में आसानी होने के लिए डिजाइन किया गया है।
वर्तमान संसद
भवन एक वृहत वृत्ताकार भवन है जिसका व्यास 560 फीट है। इसकी परिधि एक तिहाई मील है
और इसका क्षेत्रफल लगभग छह एकड़ है। इसके प्रथम तल के खुले बरामदे के किनारे पर
क्रीम रंग के बालुई पत्थर के 144 स्तम्भ लगे हुए हैं जिनकी ऊँचाई 27 फीट है। ये स्तम्भ इस भवन को एक
अनूठा आकर्षण और गरिमा प्रदान करते हैं। पूरा संसद भवन लाल बालुई पत्थर की सजावटी
दीवार से घिरा हुआ है जिसमें लोहे के द्वार लगे हुए हैं। कुल मिलाकर इस भवन में 12 द्वार हैं। वर्तमान संसद भवन का
निर्माण छह वर्ष में पूरा हुआ और निर्माण पर 83 लाख रुपए की लागत आयी थी। सेन्ट्रल
लेजिस्लेटिव असेम्बली की पहली बैठक 19 जनवरी 1927 को संसद भवन में हुई थी।
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