सालासर हनुमान धाम राजस्थान के चुरू जिले में
स्थित है। यह जयपुर-बीकानेर राजमार्ग पर सीकर से लगभग 57किमी व सूजानगढ से लगभग 24 किमी दुर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए जयपुर व अन्य स्थानों से पर्याप्त
परिवहन साधन उपलव्ध हैं। किराए की टैक्सी सेवा भी उपल्ब्ध है। इस धाम के बारे में यह प्रसिद्ध है कि यहां से कोई भी भक्त खाली
हाथ नहीं लौटता। सालासर बालाजी सभी की
मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
प्रात:
ठाकुर सालम सिंह वह अनेक ग्रामवासियों ने बाबा मोहनदास जी के साथ मूर्ति का स्वागत
किया और सन1754 में शुक्ल नवमी को शनिवार
के दिन पूर्ण विधि-विधान से हनुमान
जी की मूर्ति की
स्थापना की गई। बालाजी का पूर्व दर्शित
रूप जिसमें वह श्रीराम और लक्ष्मण को कंधे पर धारण किए थे, अदृश्य हो गया। उसके
स्थान पर दाढ़ी-मूंछ, मस्तक पर तिलक, विकट
भौंहें, सुंदर आंखें, पर्वत
पर गदा धारण किए अदभुत रूप के दर्शन होने लगे। वर्तमान में मंदिर के द्वार व
दीवारें चांदी विनिर्मित मूर्तियों और चित्रों से सुसज्जित हैं। गर्भगृह के
मुख्यद्वार पर श्रीराम दरबार की मूर्ति के नीचे पांच मूर्तियां हैं; मध्य
में भक्त मोहनदास बैठे हैं, दाएं
श्रीराम व हनुमान तथा बाएं बहन कान्ही और पं सुखरामजी बहनोई आशीर्वाद देते दिखाए
गए हैं।
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